Wednesday, September 15, 2010

यह कैसा इंतज़ार है - Hindi poem by yours truly!

जाने यह कैसा इंतज़ार है
कोई मंज़िल
है, कोई राह है |
है तो सिर्फ एक उम्मीद है
क्या कोई और तरकीब भी है?

मेरी दुनिया आज अधूरी है
आगे बड़ी दूरी है |
हाय! यह कैसी मजबूरी है
तू अब भी मुझसे रूठी है ||

अपने वादे से मुकरती हो
क्या दुनिया से इतना डरती हो?
सामने आने से शर्माती हो
ख़्वाबों में चली आती हो ||

जाने कितने लम्हों का यह संचार है
मिट जाने से पहले, मिलने की चाह है |
कई अरसे बीत गए, ऐसा सच्चा प्यार है
फिर भी तुम जानो यह कैसा इंतज़ार है ||



- श्याम

7 comments:

  1. perhaps my first poem in hindi since high school! thnx to the wonderful hindi teachers i ve had throughout my school days in bombay as well as madras!

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  2. waqt ki baat hai... kabhi to milegi, kahin to milegi.. aaj nahi to kal! :P

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  3. sabba!! kavida!! mudiyala! :) btw good one :)

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  4. thanks a lot ankit n sushant! :)

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